Indo-Pacific
Return to article
एससीओ में मोदी: भारत की विदेश नीति में चीन की महत्ता
भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगस्त के अंत में तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी भेंट होने की संभावना है, जबकि, वैश्विक मंच पर…
पश्चिमी हिंद महासागर में चीन से प्रतिस्पर्धा करने हेतु भारत को बढ़त बनानी पड़ेगी
भारत-चीन भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को परंपरागत रूप से महाद्वीपीय दृष्टि से देखा जाता रहा है, जिसके अंतर्गत दोनों पड़ोसियों के बीच सीमा विवाद उनकी प्रतिस्पर्धा के अन्य पहलुओं पर हावी होता रहा है। हालाँकि, जैसे-जैसे महाद्वीपीय पड़ोसी समुद्र को नियंत्रित कर…
एक हथियारबंद डॉलर: भारत के लिए अवसर एवं चुनौतियाँ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में, वाशिंगटन अपने सहयोगियों और विरोधियों दोनों के विरुद्ध अप्रत्याशित बदलाव से अपनी आर्थिक ताक़त को थोप रहा है। सत्ता में दोबारा आने के बाद से ट्रम्प ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की रूपरेखा को पुनः…
श्रीलंका की विदेश नीति का पुनर्मूल्यांकन? दिसानायके का युग
सितंबर 2024 में, गंभीर राष्ट्रीय आर्थिक संकट प्रारम्भ होने के दो वर्ष के उपरान्त, श्रीलंका में राष्ट्रपति के रूप में अनुरा कुमारा दिसानायके के चुनाव के साथ राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिला| पारदर्शिता और सुशासन की…
भारत और चीन के बीच मालदीव अपने संबंध कैसे सफलतापूर्वक संचालित कर सकता है
जनवरी 2025 में मालदीव के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने नई दिल्ली के उच्च स्तरीय दौरे किए| ये दौरे मालदीव की विदेश नीति में उल्लेखनीय परिवर्तन का संकेत हैं क्योंकि इस प्रशासन की पृष्ठभूमि प्रारंभ में भारत विरोधी मंचों से…
भारत और फिलीपींस के रक्षा जुड़ाव की गहनता
दिसंबर 2024 में, भारत और फिलीपींस ने विदेश मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में अपना पहला ट्रैक-1 समुद्री संवाद आयोजित किया था। यह संवाद भारत और फिलीपींस के बीच पिछले कुछ वर्षों से घनिष्ठ हो रहे द्विपक्षीय रक्षा संबंधो को प्रकट करता है।विशेषकर, भारत-फिलीपींस राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर को महत्वपूर्ण बनाता है। हालाँकि, भारत और फिलीपींस…