इस साल की शुरुआत में, एक मीडिया सम्बोधन के दौरान, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक दर ने पाकिस्तानी व्यापारिक समुदाय की उत्सुकता को ध्यान में रखते हुए, भारत के साथ व्यापार पुन: आरंभ करने के प्रश्न पर “गंभीरता से जाँच” पर चर्चा की। उनके बयान ने भारतीय व्यापारिक समुदाय में आशावाद को जन्म दिया। यह बयान दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों के संभावित पुनरुद्धार की ओर इशारा करता है, जिसमें नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार व्यापार भी शामिल है, जिसे पाँच वर्ष पूर्व 18 अप्रैल, 2019 को निलंबित कर दिया गया था।
क्रॉस-एलओसी व्यापार भारत और पाकिस्तान के बीच प्रमुख विश्वास निर्माण उपायों (सीबीएम) (Confidence Building Measures) में से एक है — जिन्हें भारत और पाकिस्तान के मध्य अनुकूल वातावरण को निर्मित करने के लिए किया गया है ताकि दोनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान हो सके।अनुसंधान इंगित करता है कि ऐसे सीबीएम शांति वार्ता और मध्यस्थता के प्रयत्नों को बढ़ाने में प्रभावी साबित हुए हैं। व्यापार पुन: आरंभ करने से न केवल दोनों तरफ़ की सीमा अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने, संघर्ष को बढ़ने से रोकने और कश्मीर क्षेत्र में इस अद्वितीय सीबीएम को पुन: स्थापित करने में भी सहयोग मिल पाएगा।
आर्थिक प्रभाव और सामाजिक अन्योन्याश्रयताएँ
2003 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम (ceasefire) की स्थापना के पश्चात, क्रॉस-एलओसी व्यापार का एक लंबा और अनोखा इतिहास रहा है।समग्र संवाद (Composite Dialogue) (2004-08) के माध्यम से, दोनों देशों ने दो विश्वास निर्माण उपायों (सीबीएम) का निर्माण किया: प्रथम – क्रॉस-एलओसी यात्रा, जिसका उद्घाटन आधिकारिक रूप से, 2005 में हुआ — एवं द्वितीय – क्रॉस-एलओसी व्यापार जो 2008 में दो व्यापार मार्गों, कश्मीर में श्रीनगर-मुजफ्फराबाद और जम्मू में पुंछ-रावलकोट के माध्यम से प्रारम्भ हुआ। विशिष्ट रूप से, क्रॉस-एलओसी व्यापार में वस्तु विनिमय प्रणाली (barter system) का पालन किया जाता था, जिसमें वस्तुओं के बदले वस्तुओं के आदान-प्रदान (exchange) की व्यवस्था थी। इस प्रणाली (system) में कोई वित्तीय लेनदेन नहीं किया जाता था, और व्यापार किए गए माल, और व्यापार किए गए माल के मूल्य (value), के आधार पर वस्तु विनिमय हर तीन महीने में संतुलित (balance) किया जाता था।अंत में, भारत और पाकिस्तान ने, फलों, सब्ज़ियों, औषधीय जड़ी-बूटियों तथा सूखे मेवों जैसी 21 व्यापार योग्य वस्तुओं पर सहमती दी | आंतरायिक निलंबन (intermittent suspension) व युद्धविराम उल्लंघनों (ceasefire breaches) के बावजूद, क्रॉस-एलओसी यात्रा और क्रॉस-एलओसी व्यापार दोनों दस वर्षों से अधिक समय तक जारी रहे।
क्रॉस-एलओसी व्यापार ने पुंछ और बारामूला ज़िलों के सुदूर और एकांत सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जहाँ एक ओर, क्रॉस-एलओसी व्यापार के द्वारा पुंछ और बारामूला ज़िलों का नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के साथ जुड़ाव मुमकिन हो पाया है, वहीं दूसरी ओर, क्रॉस-एलओसी व्यापार ने इन ज़िलों को अपने भारतीय पड़ोसी जिलों, जैसे जम्मू और श्रीनगर से भी जोड़ा है।उदाहरण हेतु, भारतीय पक्ष के लगभग 25,000 लोग नियंत्रण रेखा के पार दैनिक व्यापार में कार्यरत थे, जिस कारण वश, सीमा पार सामाजिक और आर्थिक परस्पर निर्भरता सुदृढ़ हो गई थी।
2008 और 2019 के अंतराल में, क्रॉस-एलओसी व्यापार का मूल्य $1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसके परिणामस्वरूप जम्मू और कश्मीर (J&K) के सीमावर्ती क्षेत्रों में मजदूरों ने $12 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई की थी।समान रूप से, 111,113 ट्रक वाहनों के आदान-प्रदान से जम्मू-कश्मीर में ट्रांसपोर्टरों ने माल ढुलाई राजस्व (freight revenue) के माध्यम से, लगभग 9 मिलियन अमेरिकी डॉलर अर्जित किए थे। यह उल्लेखनीय है कि क्रॉस-एलओसी व्यापार का मापदण्ड केवल मात्रात्मक उपायों तक सीमित नहीं था।
व्यापार और यात्रा की शुरुआत के साथ, एलओसी पर आपसी विश्वास और लोगों के क्रॉस-एलओसी संबंधों में वृद्धि आई थी जिससे आशाजनक दृष्टिकोण का पुन: आगमन हुआ था। 21 अक्टूबर, 2008 को, जब पाकिस्तान से भारत हेतु उद्घाटन ट्रक वाहन उरी पहुंचा था, तो इसका स्वागत एक संकेत के साथ किया गया था, “घर से – घर तक, हम अपने कश्मीरी भाइयों का उल्लास सहित स्वागत करते हैं।” यह संकेत दोनों पक्षों के लोगों के बीच के परस्पर जुड़ाव को भली भाँति रेखांकित करता है। इन वर्षों में, समृद्ध उद्यमों और पुनर्मिलित परिवारों की कहानियों ने नियंत्रण रेखा के पार भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों को परिवर्तित कर दिया था।
अपितु यह सत्य है कि 18 अप्रैल, 2019 को, भारतीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान स्थित तत्वों द्वारा भारत में अवैध रूप से हथियार, नशीले पदार्थ और मुद्रा आयात करने के बारे में गहन चिंता व्यक्त की थी। इसके बाद, भारतीय गृह मंत्रालय ने, अपनी गहन चिंता के कारण, जम्मू-कश्मीर में अपने दो व्यापार सुविधा केंद्रों के माध्यम से क्रॉस-एलओसी व्यापार को निलंबित करने की घोषणा की थी| इसके अतिरिक्त, कथित रूप से, भारत सरकार एलओसी व्यापार की शून्य-टैरिफ वस्तु विनिमय व्यवस्था का लाभ उठाने के लिए अंडर-इनवॉइसिंग और तीसरे देश की वस्तुओं के आदान-प्रदान को लेकर भी चिंतित थी।
इन सभी कारणों से व्यापार निलंबन हुआ, जिसका नकारात्मक प्रभाव दुकानों, रेस्तरां और मैकेनिकों सहित सीमावर्ती क्षेत्र के स्थानीय व्यवसायों पर पड़ा। हितधारकों का एक पूरा नेटवर्क अपनी आजीविका के लिए इस व्यापार और पारगमन पर निर्भर था, और इसके प्रभाव के कारण स्थानीय स्तर (local level) पर कठिनाइयों का पुन: निर्वाहन हुआ है ।उदाहरण के लिए, उरी में एक मजदूर को अपनी बहन के लिए मधुमेह के इलाज का खर्च उठाने के लिए संघर्ष करना पड़ा, जो उस समय सस्ता था जब व्यापार अपने चरम पर था। एक अन्य मजदूर, जो छह बच्चों का पिता था, को परिवार का भरण-पोषण करने के लिए अपने एक बेटे को पढ़ाई छोड़ने और होटल में काम करने के लिए मजबूर करना पड़ा, (क्योंकि उस व्यक्ति के जीवन यापन का साधन जो सीमा पार व्यापार के माध्यम से चलता था अब उसका अंत हो चुका था |)
सुधार की आवश्यकता
अपनी परिवर्तनकारी क्षमता के बावजूद, क्रॉस-एलओसी व्यापार कई चुनौतियों से जूझ रहा है, जिनमें अपर्याप्त बुनियादी ढांचे, पूर्ण-बॉडी ट्रक स्कैनर की अनुपस्थिति, दोनों पक्षों के बीच औपचारिक संचार चैनलों की कमी और लगातार इंटरनेट शटडाउन शामिल हैं। इसके अलावा, केवल 21 वस्तुओं की उत्पाद श्रेणियों की सूची जिन्हें व्यापार के लिए अनुमति दी गई है, ने दोनों पक्षों के बीच व्यापार के दायरे को सीमित कर दिया है।
संभावित रूप से, क्रॉस-एलओसी व्यापार को पुनर्जीवित करना सुधार के अवसर प्रस्तुत करता है। क्रॉस-एलओसी व्यापार, आर्थिक विकास और सुलह, के माध्यम के रूप में विकसित हो सकता है। इस कार्य को सिद्ध करने के लिए भारत में गृह मंत्रालय (एमएचए) और पाकिस्तान में यात्रा और व्यापार प्राधिकरण बुनियादी ढांचे, डिजिटलीकरण, मानक संचालन में संशोधन कर सकते हैं।इसके अतिरिक्त, भारतीय और पाकिस्तानी प्रतिनिधि, मानक संचालन प्रक्रियाओं (Standard Operating Procedures) की पुनरावृत्ति और समावेशी विस्तार को भी बढ़ावा दे सकते हैं।
बुनियादी ढांचे के संदर्भ में, दोनों पक्षों के व्यापार सुविधा केंद्रों को अपनी सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सुधारों की आवश्यकता है। फुल-बॉडी ट्रक स्कैनर, एक्स-रे मशीन और सीसीटीवी कैमरे व्यापार वस्तुओं के प्रवाह को रोकने और तेज़ और अधिक सुरक्षित व्यापार को सक्षम सुरक्षा को और बढ़ाने के लिए, प्रतिबंधित बनाने में लाभदायक सिद्ध होंगे| डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म चालान, व्यापारियों के रिकॉर्ड, वस्तु विनिमय संतुलन और ट्रक जानकारी की निगरानी करने में भी मददगार साबित होंगे और अधिकारियों को वास्तविक समय में जाँच करने में सक्षम बना सकेंगे |मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedures), जिसके तहत क्रॉस-एलओसी व्यापार संचालित होता है, का मसौदा (draft) 2008 में तैयार किया गया था| इस मसौदे के अंतर्गत, व्यापार के तौर तरीकों की जानकारी, किए गए विनिमयों के दस्तावेज़ीकरण, सुरक्षा के प्रभारी अधिकारियों एवं ट्रक वाहनों के निरीक्षण और व्यापार सुविधा केंद्रों के माध्यम से प्रवेश/निकास के संबंध में खंड सम्मिलित हैं |
मानक संचालन प्रक्रिया में संशोधन की आवश्यकता है| उदाहरण के लिए, व्यापारिक समुदाय के बीच उत्पत्ति के नियमों से संबंधित दिशानिर्देशों को लेकर अनिश्चितता है | इंट्रा-कश्मीर रोजगार सृजन को प्रोत्साहन देने हेतु, एमएचए और पाकिस्तान में यात्रा और व्यापार प्राधिकरण मानक संचालन प्रक्रिया में स्पष्ट कर सकते हैं कि क्रॉस-एलओसी व्यापार “जम्मू-कश्मीर के माध्यम से व्यापार” है, जैसे कि केवल भारतीय और पाकिस्तानी मूल के सामान का व्यापार और किसी तीसरे देश के नहीं|
इस आधार पर, स्थानीय लोगों को जम्मू-कश्मीर के बाहर से आने वाले वस्तुओं का मूल्य बढ़ाने का अवसर मिलेगा, और व्यापार में शामिल मजदूरों और ट्रांसपोर्टरों को रोजगार मिलेगा| अंततः इससे जम्मू-कश्मीर के बाहर के व्यापारियों का क्रॉस-एलओसी द्वारा अपना सामान सीमा पार बिना सामान भेजने पर लगने वाले शुल्क (duty) को दिए बिना, भेजने के व्यवसाय का भी समापन होगा | इस सन्दर्भ में, यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि ये शुल्क, अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए अधिकृत बिंदु वाघा सीमा पर लगाए जाते हैं
इसके अलावा, 21 उत्पाद श्रेणियों की वर्तमान कमोडिटी सूची को हार्मोनाइज्ड सिस्टम (एचएस)-कोड पर आधारित वस्तुओं की पारस्परिक रूप से सहमत सूची से प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए, जो व्यापारित उत्पादों को वर्गीकृत करने के लिए नामों और संख्याओं की एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानकीकृत प्रणाली है।वस्तुओं की ग़लत व्याख्या और ग़लत प्रस्तुतिकरण (misrepresentation) के मुद्दे का भी समाधान होना चाहिए|इसके अलावा, टीएफसी द्वारा हर 15 दिनों में आईएनआर-पीकेआर (INR-PKR) रूपांतरण दरों की औपचारिक घोषणा करनी चाहिए ताकि अधिक या कम चालान में मुद्रा रूपांतरण (currency conversion) का उपयोग करने की गुंजाइश कम हो जाएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।
अंत में, 2008 और 2019 के बीच क्रॉस-एलओसी व्यापार में महिला व्यापारियों की न्यूनतम भागीदारी देखी गई थी। इस बात को ध्यान में रखते हुए, भारत और पाकिस्तान को महिलाओं की भागीदारी के लिए अनुकूल व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए सुरक्षा और सुरक्षा प्रक्रियाएं स्थापित करनी चाहिए और उन वस्तुओं की एक सूची शामिल करनी चाहिए जिनका व्यापार महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से लाभदायक हो, जो शोध के अनुसार, व्यापार की स्थिरता, निष्पक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाने में भी सहायता पूर्ण रूप से करे।
भारत और पाकिस्तान को महिलाओं की भागीदारी के लिए अनुकूल व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए सुरक्षा और सुरक्षा प्रक्रियाएं स्थापित करनी चाहिए और उन वस्तुओं की एक सूची शामिल करनी चाहिए जिनका व्यापार महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से लाभदायक हो…
निष्कर्ष
क्रॉस-एलओसी व्यापार का निलंबन विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षग्रस्त जम्मू-कश्मीर क्षेत्र शांति-निर्माण के प्रयासों की दुर्बलता को दर्शाता है|
पाकिस्तान द्वारा व्यापार फिर से प्रारम्भ करने के लिए खुलेपन का संकेत देने के साथ, भारत के पास संरचनात्मक सुधारों को स्थापित करके, अपने मानक संचालन प्रक्रिया संशोधित करके — अधिक प्रबल और व्यवस्थित तरीके से क्रॉस-एलओसी व्यापार को पुनर्जीवित करने का अवसर है | इन सुझावों को पूर्ण करने हेतु, भारत और पाकिस्तान एक साथ कार्य कर सकते हैं |
इस सन्दर्भ में, दोनों पक्षों का सही राजनीतिक झुकाव सीमा पर अर्थव्यवस्थाओं को ताक़त प्रदान कर सकता है, जो समृद्धि के लिए व्यापार पर निर्भर हैं। कुल मिलाकर, जबकि नियंत्रण रेखा के पार व्यापार अकेले भारत और पाकिस्तान के बीच शांति की गारंटी नहीं दे सकता है, यह विश्वास पैदा करने, बातचीत को बढ़ावा देने और व्यापक शांति-निर्माण पहल के लिए आधार तैयार करने के लिए एक रचनात्मक तंत्र (constructive mechanism) के रूप में काम कर सकता है।
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Image 1: Kashmiri shopkeeper via Ole Holbech on Flickr
Image 2: Indian side of the Wagah border via Guilhem Vellut on Flickr